साहित्य और हिंदी सिनेमा/सिनेमा
सिनेमा
सम्पादनसिनेमा (cinema), अथवा चलचित्र (motion picture), कला का एक रूप है जिसमें कहानियाँ सुनाने या वास्तविकता को व्यक्त करने के लिए चल-चित्रों (moving images) का प्रयोग किया जाता है।
इतिहास
सम्पादनसिनेमा का पदार्पण १९ सदी में दो प्रौद्योगिकीय युक्तियों (technological devices), अमेरिका में काइनेटोस्कोप (kinetoscope) और यूरोप में सिनेमैटोग्राफ (cinematograph) के निर्माण से हुआ। शुरुआत में ये दोनों फिल्म कैमरे रोजमर्रा की ज़िंदगी - जैसे स्टेशन पर ट्रेन का पहुँचना, पारिवारिक भोजन, काम से लौटते कामगार आदि - को रिकॉर्ड करने के लिए इस्तेमाल किए गए।
इसी कड़ी में सिनेमा की डॉक्यूमेंट्री शाखा (documentary जिसे हिंदी में 'वृत्तचित्र' भी कहते हैं) की उन्हीं दिनों खोज की गई। इसके लिए सैकड़ों लोगों को कैमरों का उपयोग करने का निर्देश दिया गया तथा अनदेखे और अनोखे जगहों का तस्वीरों के साथ दस्तावेजीकरण करने के लिए लंबी यात्राओं पर भेजा गया था।
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ल्यूमिएर बंधुओं की फिल्म «La Sortie de l'usine Lumière à Lyon» का एक फ्रेम।
दूसरी ओर, इन कैमरों के साथ फिक्शन (fiction जिसे हिंदी में 'काल्पनिक सिनेमा' भी कहते हैं) का आगाज़ भी हो गया था। जैसे ही सिनेमा अधिक लोकप्रिय होना शुरू हुआ, कलाकारों को इसमें न केवल अपने विचारों को दर्शाने के लिए बल्कि क़िस्सागोई के लिए भी एक बेहतरीन साधन दिखा।
फ्रांस के एक जादूगर थे जॉर्जेस मैलिअस। उन्होंने सिनेमा में अपने जादुई करतब को बेहतर बनाने के लिए एक उत्कृष्ट उपकरण पाया। कैमरे के ज़रिए वह गायब हो सकते थे और मंच के दूसरे हिस्से में दिखाई दे सकते थे, अपने सहायक के सिर को धड़ से अलग कर सकते थे या मिसाल के तौर पर संगीत के सुरों में चेहरे सजा सकते थे। उनकी फिल्में इस नए आविष्कार की क्षमता का पता लगाने और बढ़ाने का एक ज़रिया बन गईं। फिर तो, मैलिअस ने अपनी लिखी कहानियों के अंदर ही अपनी नई तरकीबों का इस्तेमाल किया, जिन्हें हम आजकल "श्रव्य-दृश्य भाषा" (audiovisual language) के रूप में जानते हैं। माना जाता है कि कथा फिल्म (narrative film) रूप तभी से पैदा हुआ।[1][2]
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मैलिअस की फिल्म «Le Mélomane» (संगीत प्रेमी) का एक फ्रेम।
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मैलिअस की फिल्म «Un homme de têtes» (आदमी का सिर) का एक फ्रेम।
संदर्भ
सम्पादन- ↑ GUBERN, R. (2014) The history of cinema. Barcelona, Spain. 1989. ISBN 978-84-339-5951-5
- ↑ MARCEL, M. (2002) The language of cinema. Barcelona, Spain. 2002. ISBN: 84-7432-381-9