संयुक्त प्रवेश परीक्षा

संयुक्त प्रवेश परीक्षा या जेईई (Joint Entrance Examination or JEE) भारत में विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित एक इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा हैं। यह दो अलग-अलग परीक्षाओं द्वारा गठित है - जेईई मेन (JEE Main) और (JEE Advanced)। परीक्षाएं बहुविकल्पीय पैटर्न पर आधारित होती हैं।

2012 में, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई या CBSE) ने घोषणा की कि वह एआईईईई (AIEEE) और आईआईटी-जेईई (IIT-JEE) की जगह अब संयुक्त प्रवेश परीक्षा या जेईई की आयोजन किया करेगी। जेईई मेन एआईईईई (AIEEE) की जगह जगह लेगा जिसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NITs), भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIITs) और कुछ अन्य कॉलेज "केंद्रीय रूप से वित्त पोषित तकनीकी संस्थान" में प्रवेश दिया जयेगा। जेईई एडवांस्ड आईआईटी-जेईई की जगह लेगा जिसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs) में प्रवेश दिया जयेगा। केवल जेईई मेन के चयनित छात्र ही जेईई एडवांस्ड परीक्षा देने के पात्र होगे। प्रत्येक वर्ष 2,20,000 छात्रों का चयन जेईई एडवांस्ड के लिए किया जाता है।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISERs), राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी, और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस जैसे कुछ संस्थान हैं, जो जेईई एडवर्ड्स में प्राप्त स्कोर के आधार पर प्रवेश लेते हैं। ये केंद्रीय आईआईटी जेईई एडवांस्ड के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के सदस्य नही है यह केवल जेईई एडवर्ड्स में विद्यार्थी द्वारा प्राप्त स्कोर के आधार एदमिशन लेते है इसका भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कोई सीधा सम्पर्क नही होता हैं। जो भी छात्र आईआईटी में दाखिला लेता है वह अगले साल जेईई-एडवांस्ड परीक्षा में शामिल नहीं हो सकता हैं।

भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचएचआरडी) की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार पूरे भारत में निजी संस्थानों सहित सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी एंड एंट्रेंस टेस्ट (नीट) (NEET) की तर्ज पर आधारित एक सामान्य इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर विचार कर रही है।

जेईई मेन (JEE Main)

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जेईई मेन में दो पेपर होते है पेपर-1 और पेपर-2। उम्मीदवार एक या दोनों पेपर को भी चुन सकते हैं। दोनों में बहुविकल्पीय प्रश्न होते हैं। पेपर 1 बी.ई./बीटेक कोर्स में प्रवेश के लिए है इसे ऑनलाइन और ऑफ़लाइन मोड दोनों में आयोजित किया जाता हैं। पेपर-2 बी.आर्क और बी.प्लानिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए है यह केवल ऑफ़लाइन आयोजित किया जाता हैं।

जेईई एडवर्ड्स के विपरीत जेईई मेन का एक निश्चित परीक्षा संरचना है और यह हर साल बदलता नहीं हैं। पेपर-1 तीन घंटे की अवधि का होता है और तीन विषयों (भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित) में प्रत्येक से तीस-तीस बहु-विकल्प (एकल-सही) प्रश्न शामिल होते हैं। गलत उत्तरों के लिए नकारात्मक अंकन है सही उत्तरों के लिए 4 अंक दिए गए हैं और गलत उत्तरों के लिए 1 अंक काट लिए जाते है।

2013 से 2016 तक, बारहवीं स्कूल बोर्ड की परीक्षा में प्राप्त अंक जेईई मेन रैंकों में निर्णय लेने में 40% वेटेज प्रदान करते थे।

2017 से, सीबीएसई ने जेईई के लिए आवेदन करने वाले छात्रों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य बनाया। जेईई के लिए आवेदन करने से पहले छात्रों के पास कार्ड नहीं होने के बारे में पूछा गया था ताकि छात्र इसे जल्द बनवा ले।

वर्ष के आवेदकों की संख्या

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जेईई मेन परीक्षा में आवेदकों की संख्या वर्षों में भिन्न रही हैं। 2017 में पिछले तीन वर्षों की तुलना में कम उम्मीदवार पंजीकृत हुए। वर्ष 2015 में सबसे अधिक आवेदकों की संख्या है जो लगभग 18 लाख है।

वर्ष छात्रों की संख्या
2017 1,198,989
2016 1,303,000
2015 1,860,000
2014 1,710,000
2013 1,400,000
2012 1,200,500

जेईई एडवर्ड्स (JEE Advanced)

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जेईई-मेन को उत्तीर्ण करने वाले छात्र जेईई-एडवांस्ड परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। 2017 में, 2,20,000 छात्र जेईई-एडवांस के लिए उपस्थित उत्तीर्ण हुए।

जेईई एडवर्ड्स 2020

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जेईई एडवांस्ड 2020 आईआईटी मद्रास द्वारा 17 मई 2020 को आयोजित किया जायगा।

इन्हें भी देखें

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