हिंदी भाषा और साहित्य का इतिहास (रीतिकाल तक)

यह पाठ्यक्रम हिंदी भाषा और साहित्य के इतिहास को समझने के लिए तैयार किया गया है। इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न कक्षाओं के माध्यम से हम आदिकाल से रीतिकाल तक हिंदी भाषा और साहित्य के विकास की प्रक्रिया को समझने का प्रयास करेंगे। इस प्रक्रिया में हम साहित्य के इतिहास दर्शन, साहित्येतिहास लेखन की परंपरा और उसकी आवश्यकता पर भी विचार करेंगे।

हिंदी भाषा और साहित्य का इतिहास (रीतिकाल) में आपका स्वागत है। यह स्नातक स्तर के प्रथम सेमेस्टर का पाठ्यक्रम है। इस कक्षा में सीखने वाले को हिंदी भाषा और साहित्य के इतिहास का परिचयात्मक ज्ञान आवश्यक है।

इकाई–I : हिंदी भाषा के विकास की पूर्वपीठिका

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इकाई–II : साहित्येतिहास दर्शन और आदिकाल

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इकाई–III : भक्तिकाल

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  • भक्ति का उदय, भक्ति आंदोलन और उसका अखिल भारतीय स्वरूप
  • भक्तिकाल के विभिन्न संप्रदाय और उनके आचार्य
  • भक्तिकाल की विविध धाराएँ और उसकी विशेषताएँ, भक्तिकालीन प्रमुख कवि और उनके काव्य

इकाई–IV : रीतिकाल

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  • रीतिकाल की प्रमुख परिस्थितियाँ
  • रीतिकालीन काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ
  • रीतिकालीन काव्य की विविध धाराओं—रीतिबद्ध, रीतिमुक्त एवं रीतिसिद्ध—के कवियों का परिचय
  • रीत्येतर साहित्य : रीतिकालीन वीरकाव्य, भक्तिकाव्य, नीतिकाव्य

सहायक सामग्री

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