"इलेक्ट्रानिक्स/प्रतिरोधक": अवतरणों में अंतर

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chitra
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प्रतिरोधक (resistor) दो सिरों वाला वैद्युत अवयव है जिसके सिरों के बीच विभवान्तर उससे बहने वाली तात्कालिक धारा के समानुपाती (या लगभग समानुपाती) होता है। ये विभिन्न आकार-प्रकार के होते हैं। इनसे होकर धारा बहने पर इनके अन्दर उष्मा उत्पन्न होती है। कुछ प्रतिरोधक ओम के नियम का पालन करते हैं। '''ओम के नियम''' (Ohm's Law) के अनुसार यदि ताप आदि भौतिक अवस्थायें नियत रखीं जाए तो किसी प्रतिरोधक (या, अन्य ओमीय युक्ति) के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर उससे प्रवाहित धारा के समानुपाती होता है,, जिसका अर्थ है कि -
[[चित्र:Georg-simon-ohm 1.jpg|right|thumb|150px|जॉर्ज साइमन ओम]]
 
V = IR (V=वोल्टेज, I=करंट/धारा ,R=प्रतिरोध)
[[चित्र:Ohmic device and non-ohmic device.png|right|thumb|200px|ओमीय तथा अन-ओमीय युक्ति के '''I = V''' आरेख : इनमें से लाल रंग की सरल रेखा ओमीय युक्ति का और काले रंग की वक्र गैर-ओमीय युक्ति के वी-आई वैशिष्ट्य को निरूपित कर रही है]]