"इलेक्ट्रानिक्स/प्रतिरोधक": अवतरणों में अंतर

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प्रतिरोधक (resistor) दो सिरों वाला वैद्युत अवयव है जिसके सिरों के बीच विभवान्तर उससे बहने वाली तात्कालिक धारा के समानुपाती (या लगभग समानुपाती) होता है। ये विभिन्न आकार-प्रकार के होते हैं। इनसे होकर धारा बहने पर इनके अन्दर उष्मा उत्पन्न होती है। कुछ प्रतिरोधक ओम के नियम का पालन करते हैं'''ओम के नियम''' (Ohm's Law) के अनुसार यदि ताप आदि भौतिक अवस्थायें नियत रखीं जाए तो किसी प्रतिरोधक (या, अन्य ओमीय युक्ति) के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर उससे प्रवाहित धारा के समानुपाती होता है,, जिसका अर्थ है कि -
 
V = IR (V=वोल्टेज, I=करंट/धारा ,R=प्रतिरोध)
[[चित्र:Ohmic device and non-ohmic device.png|right|thumb|200px|ओमीय तथा अन-ओमीय युक्ति के '''I = V''' आरेख : इनमें से लाल रंग की सरल रेखा ओमीय युक्ति का और काले रंग की वक्र गैर-ओमीय युक्ति के वी-आई वैशिष्ट्य को निरूपित कर रही है]]
 
एलेक्ट्रॉनिक परिपथ में प्राय: सबसे अधिक प्रयुक्त अवयव है। व्यवहार में प्रयुक्त प्रतिरोधक विभिन्न पदार्थों, तारों एवं फिल्मों के द्वारा बनाये जाते हैं। वैद्युत-दृष्टि से, हीटर, विद्युत इस्तरी (प्रेस), विद्युत बल्ब आदि प्रतिरोधक हैं।
[[File:Carbon and ceramic resistors of different power ratings.jpg|thumb|विभिन्न रेटिंग के कार्बन और सिरेमिक प्रतिरोधक]]