"प्रबंधन के सिद्धांत": अवतरणों में अंतर
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# '''केंद्रीयकरण का स्तर''' - केंद्रीय प्रबंधन के साथ संचलन वाली शक्ति की मात्रा कंपनी के आकार पर निर्भर करती हैं। केंद्रीकरण का मतलब है शीर्ष प्रबंधन में निर्णय लेने वाले प्राधिकरण की एकाग्रता है।
# '''प्राधिकरण/स्केलर शृंखला की रेखा''' - यह शीर्ष प्रबंधन से सबसे कम रैंक तक लेकर वरिष्ठों की श्रृंखला को संदर्भित करता हैं। सिद्धांत बताता है कि सभी स्तरों पर सभी प्रबंधकों को ऊपर से नीचे तक अधिकार की एक स्पष्ट रेखा होनी चाहिए।
# '''व्यवस्था (ऑर्डर)''' - सामाजिक व्यवस्था (सोशल ऑर्डर) एक कंपनी के तरल संचालन को आधिकारिक प्रक्रिया से सुनिश्चित करता हैं। सामग्री व्यवस्था (मैटेरियल ऑर्डर) कार्यस्थल में सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित करता हैं। ऑर्डर स्वीकार्य और कंपनी के नियमों के तहत होना चाहिए।
# '''न्यायसम्य (Equity)''' - कर्मचारियों से दयालु रूप से व्यवहार किया जाना चाहिए, और सिर्फ कार्यस्थल सुनिश्चित करने के लिए न्याय का अधिनियमित होना चाहिए। कर्मचारियों के साथ व्यवहार करते समय प्रबंधकों को उचित और निष्पक्ष होना चाहिए, सभी कर्मचारियों पर समान ध्यान देना।
# '''कर्मचारियों के कार्यकाल की स्थिरता''' - कर्मियों के कार्यकाल की स्थिरता यह बताती है कि संगठन को आसानी से चलाने के लिए कर्मियों (विशेष रूप से प्रबंधकीय कर्मियों) को अक्सर संगठन में प्रवेश करने और बाहर निकलना नहीं चाहिए।
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