जनपदीय साहित्य/संस्कार गीत: सोहर, विवाह, मंगलगीत
ऐसे गीत जो संस्कारों, धार्मिक मूल्यों और संस्कृति को प्रोत्साहित करते हैं, संस्कार गीत कहलाते हैं। ये गीत विभिन्न पर्वों, उत्सवों, पूजा और आध्यात्मिक अवसरों पर गाए जाते हैं और उनके माध्यम से लोग अपनी आस्था और संबंध को व्यक्त करते हैं।
ये गीत अक्सर धार्मिक संदेश, प्रार्थना, और प्रशंसा को समर्पित होते हैं। इनमें भगवानों, देवियों, गुरुओं, और परंपरागत संस्कृति के महात्म्य की प्रशंसा की जाती है। इस तरह के गीत लोगों को संस्कारों के महत्व को याद दिलाने और उन्हें धार्मिक और सामाजिक मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करने में मदद करते हैं।