गणितीय परिभाषा
गणितीय परिभाषा जान लेने से, गणित जो की विज्ञानं ही नहीं वरन सभी ज्ञान का मूल है, सरल हो जाता है।
परिभाषाए
सम्पादनसमुच्चय (Set) सम्बंधित
सम्पादन- समुच्चय (Set) - वस्तुओं के सुपरिभाषित संकलन को ही समुच्चय कहते हैं।
- अवयव (Element) - समुच्चय की प्रत्येक वस्तु को उसका अवयव कहते हैं।
- समुच्चयो का का प्रस्तुतीकरण - समुच्चयो का प्रस्तुतीकरण करने की दो विधियां हैं।
- समुच्चयो के प्रस्तुतीकरण का सारणीबद्ध रूप -किसी समूचे को सारणीबद्ध रूप में प्रस्तुत करने के लिए हम उस के सभी अवयवों को कोष्ठक {} के अंदर सारणी के रूप में लिखते हैं किसी अवयव की पुनरावृत्ति नहीं करते|
- समुच्चयो के प्रस्तुतीकरण का निर्माण स्वरूप - इस रुप का प्रयोग हम तभी करते हैं जब समुच्चय के अवयवों के अद्वितीय सामान्य गुण की व्याख्या कर सकें|
- रिक्त समुच्चय- ऐसा समुच्चय जिसका कोई अवयव ना हो और रिक्त समुच्चय कहलाता है इसे Φ अथवा {} से भी व्यक्त करते हैं।
- समतुल्य समुच्चय- यदि दो समुदायों के अवयवों की संख्या समान हो तो उन्हें समतुल्य समुच्चयो कहते हैं।
- समान समुच्चय - यदि दो समुच्चयो के अवयव एक जैसे हो तो उन समुदायों को समान समुच्चय कहते हैं।
- परिमिति समुच्चय- ऐसे समुच्चय जिनके अवयवों की संख्या परिमित हो परिमित समुच्चय कहलाते हैं।
- अनंत समुच्चय- ऐसे समझते जिनके अवयवों की संख्या अनंत होती है अनंत अथवा अपरिमित समुच्चय कहलाते हैं।
चतुर्भुज सम्बंधित
सम्पादन- चतुर्भुज की सम्मुख भुजाए-चतुर्भुज की जिन दो भुजाओं मैं कोई उभयनिष्ठ बिंदु नहीं होता उन्हें सम्मुख हो जाएं कहते हैं
- संलग्न भुजाएं या आसन्न भुजाएं- चतुर्भुज की जिन दो भुजाओं का सीमांत बिंदु उभयनिष्ठ होता है उन्हें संलग्न अथवा आसन्न भुजाएं कहते हैं
- समलंब चतुर्भुज- वह चतुर्भुज जिनमें दो सम्मुख भुजाए समानांतर हो तथा शेष दोनों भुजाएं असमानांतर हो समलंब चतुर्भुज कहलाता है। समलंब चतुर्भुज के गुण इस प्रकार होते हैं
- समलंब चतुर्भुज में दो सम्मुख भुजाएं समानांतर होती हैं
- समलंब चतुर्भुज में शेष दो भुजाएं असमानांतर होती हैं
- समलंब समद्विबाहु चतुर्भुज- वह चतुर्भुज जिसमें दो समूह हो जाएं सामानांतर हो तथा शेष दो भुजाएं आपस में बराबर तथा अ समानांतर हो समलंब समद्विबाहु चतुर्भुज कहलाता है
- समानांतर चतुर्भुज वह चतुर्भुज जिसमें सम्मुख भुजाओं के दोनों युग में समानांतर हो समानांतर चतुर्भुज कहलाता है। समानांतर चतुर्भुज की विशेषताएं इस प्रकार होती हैं
- समानांतर चतुर्भुज में सम्मुख भुजाओं के दोनों युग्म समानांतर होते हैं
- समानांतर चतुर्भुज के सम्मुख भुजाएं बराबर होती हैं
- समानांतर चतुर्भुज में सम्मुख कोण बराबर होते हैं
- आयत- ऐसा समानांतर चतुर्भुज जिसका एक पूर्ण संपूर्ण हो आयत कहलाता है। आयत की विशेषताएं
- आयत की सम्मुख भुजाएं समानांतर होती हैं
- आयत की सम्मुख भुजाएं बराबर होती हैं
- आयत के सभी कोण बराबर होते हैं
- आयत के विकर्ण बराबर होते हैं
- आयत का प्रत्येक विकर्ण उस आयत को दो बराबर भागों में विभक्त करता है
- आयत के विकर्ण एक दूसरे को सम विभाजित करते हैं
- आयत का प्रत्येक कोण समकोण होता है
- समचतुर्भुज- ऐसा समानांतर चतुर्भुज जिसकी दो आसन्न भुजाएं बराबर हो समचतुर्भुज कहलाता है
- वर्ग- ऐसा आयत जिसमें 2 आसन भुजाएं बराबर होती हैं वर्ग कहलाता है
प्रमेय
सम्पादनत्रिभुज संबंधित प्रमेय
सम्पादन- किसी त्रिभुज की दो बराबर भुजाओं के सामने वाले कोण भी बराबर होते हैं
- (कोण-भुजा-कोण सर्वांगसमता) दो त्रिभुजों में यदि एक त्रिभुज के दो कोण तथा उनके बीच की भुजा यदि दूसरे त्रिभुज के दो संगत कोण व बीच की भुजा के अलग-अलग बराबर हो तो वह त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं
- (कोण-कोण-भुजा सर्वांगसमता) दो त्रिभुजो में यदि एक त्रिभुज के दो कोण और एक भुजा (बीच की नहीं) दूसरे त्रिभुज के संगत कोण व भुजा के अलग-अलग बराबर हो तो त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं
- यदि किसी त्रिभुज के दो कोण बराबर हो तो उनके सामने की भुजाएं भी बराबर होती हैं अथवा इसे इस प्रकार भी कह सकते हैं कि त्रिभुज के दो सर्वांगसम कोणों के सम्मुख भुजाएं सर्वांगसम होती हैं
- (भुजा-भुजा-भुजा सर्वांगसमता) दो त्रिभुजों के एक त्रिभुज की तीनो भुजाएं दूसरे त्रिभुज के संगत तीनों भुजाओं के अलग-अलग बराबर हो तो यह त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं
- (समकोण-कर्ण-भुजा सर्वांगसमता) दो समकोण त्रिभुज में यदि एक त्रिभुज का कर्ण व एक भुजा दूसरे त्रिभुज के कारण व संगत भुजा के अलग-अलग बराबर हो तो वह त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं
- यदि किसी त्रिभुज की दो भुजाएं असमान हैं तो बड़ी भुजा के सामने वाला कोण छोटी भुजा के सामने वाले कोण से बड़ा होता है
- उपरोक्त प्रमेय का विलोम - किसी त्रिभुज में बड़े कोण के सामने की भुजा छोटे कोण के सामने की भुजा से बड़ी होती है
- किसी त्रिभुज में दो भुजाओं का योग तीसरी से बड़ा होता है
- किसी रेखा के बाहर स्थित एक बिंदु से रेखा तक जितने रेखा खंड खींचे जा सकते हैं उनमें लंब सबसे छोटा होता है
चतुर्भुज संबंधित प्रमेय
सम्पादन- किसी समानांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाए बराबर होती हैं। इसी प्रमेय का विलोम है यदि किसी चतुर्भुज की सम्मुख भुजाए बराबर हो तो वह चतुर्भुज समानांतर चतुर्भुज होगा
- समानांतर चतुर्भुज के सम्मुख कोण बराबर होते हैं। इसी प्रमेय का विलोम इस प्रकार है कि किसी चतुर्भुज के सम्मुख कोण बराबर हूं तो वह समानांतर चतुर्भुज होगा
- समानांतर चतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं। इसी प्रकार इस प्रमेय का विलोम है कि यदि किसी चतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं तो वह समानांतर चतुर्भुज होगा
- आयत के चारो कोणों में से प्रत्येक संपूर्ण होता है
- समचतुर्भुज की सभी भुजाएं बराबर होती हैं
- किसी आयत के विकर्ण बराबर होते हैं
- किसी समचतुर्भुज के विकर्ण परस्पर लंबवत होते हैं
- वर्ग के विकर्ण बराबर तथा परस्पर लंबवत होते हैं
- यदि किसी समानांतर चतुर्भुज के विकर्ण बराबर हो तो वह आयत होगा
- यदि किसी समानांतर चतुर्भुज में दोनों विकर्ण परस्पर लंबवत हो तो वह समचतुर्भुज होगा
- यदि किसी समानांतर चतुर्भुज में विकर्ण बराबर पर लंबवत हो तो वह वर्ग होगा